गणेश विसर्जन, भारत में गणेश चतुर्थी उत्सव के अंत में आयोजित होने वाला महत्वपूर्ण आयोजन है। यह उत्सव हिन्दू धर्म के देवता गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है और भारत के विभिन्न हिस्सों में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी के पहले दिन, गणेश मूर्ति की स्थापना की जाती है और उसके बाद 10 दिनों तक भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है। इसके बाद, गणेश चतुर्थी के दसवें दिन गणेश मूर्ति को विसर्जित किया जाता है। इस दिन लाखों लोग अपने घरों में और सार्वजनिक स्थलों पर गणेश मूर्ति को लेकर निकलते हैं और इसे गंगा नदी, समुंदर या अन्य प्राकृतिक जल स्रोत में विसर्जित करते हैं।

गणेश विसर्जन का मुख्य उद्देश्य है गणेश चतुर्थी के उत्सव को समाप्त करना और गणेश को अपने लोक में आगंतुक रूप में स्वागत करना। यह विसर्जन धूमधाम से होता है, जिसमें लोग गणेश के गाने गाते हैं, नृत्य करते हैं और उनके मूर्ति को जल में विसर्जित करते हैं। इस प्रक्रिया को विसर्जन यात्रा (Visarjan Yatra) कहा जाता है, और यह उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसमें समाज के लोग एक साथ आते हैं और गणेश के प्रति अपनी भक्ति और प्रेम का प्रदर्शन करते हैं।

गणेश विसर्जन का यह पर्व भारतीय संस्कृति और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है और लोग इसे बड़े उत्साह और आनंद के साथ मनाते हैं।

गणपती बाप्पा मोरया !
पुढ़च्या वर्षी लवकर या !!
अनंत चतुर्दशी के पावन अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।
सुखकर्ता, विघ्नहर्ता श्री गणेश जी समस्त जगत का कल्याण करें।