भविष्य में राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की समस्या को खत्म करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह अपनी ऑक्सीजन स्टोरेज क्षमता को बढ़ाए। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि ऑक्सीजन आपूर्ति व वितरण के ढांचा संंबंधी ब्लू-प्रिंट तैयार करने के लिए आइआइटी दिल्ली व दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियर की मदद लें। इसके साथ ही पीठ ने सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली सरकार ने तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) और ऑक्सीजन सिलेंडर की स्टोरेज क्षमता बढ़ाने को बड़े टैंक का निर्माण करने के लिए कदम नहीं उठाए हैं।
टैंक इंस्टाल करने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध कराए सरकार
ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के दाैरान पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 30 अप्रैल के आदेश के तहत स्टोरेज क्षमता बढ़ाने की जिम्मेदारी केंद्र व दिल्ली सरकार दोनों पर है। पीठ ने कहा कि विशेषज्ञों, दिल्ली सरकार की विभिन्न संस्थाओं व अस्पताल एवं नर्सिंग होम जैसी शाखाओं की संयुक्त सलाह से तैयार की गई योजना के आधार पर अनिवार्य चीजों की तैयारी की जाए।
पीठ ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि टैंक इंस्टॉल करने के लिए पर्याप्त क्षेत्र उपलब्ध कराने की जरूरत है। पीठ ने कहा कि इन तथ्यों का परीक्षण करके अदालत के समक्ष रिपोर्ट पेश की जाए। पीठ ने कहा कि इस संबंध में अधिवक्ता आदित्य प्रसाद व उनकी टीम द्वारा किए गए शोध को दिल्ली सरकार के साथ साझा किया जाये। आदित्य प्रसाद ने पीठ से कहा कि बड़े टैंकर से छोटे टैंकर ऑक्सीजन लेकर शहर में वितरित कर सकते हैं। ऐसे में दिल्ली को दूसरे राज्यों व केंद्र सरकार पर निर्भर नहीं रहना होगा। उन्होंने कहा कि इन टैंक को सेना की मदद से इंस्टाल किया जा सकता है। पीठ ने नोट किया कि इस तरह के टैंक का ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता आइनाक्स निर्माण करता है और इस तरह की अन्य संभावनाओं की दिल्ली सरकार की तलाश करनी होगी। उन्होंने पीठ को बताया कि उनके शोध के हिसाब से कई वेंडर हैं जोकि इस तरह के स्टोरेज टैंक उपलब्ध कराते हैं। दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउंसल राहुल मेहरा ने कहा इस दिशा में केंद्र सरकार के सहयोग से तेजी से काम शुरू किया जाएगा।
Source: जागरण
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